Valley of Strawberry : सर्दियों के बाद कश्मीर की पहली फसल स्ट्रॉबेरी बिकने के लिए तैयार !

Strawberry Harvesting In Ganderbal : कश्मीर में सेब और अन्य मेवों के साथ-साथ स्ट्राबेरी की भी काफी पैदावार होती है. सेंट्रल कश्मीर के गांदरबल जिले में सैकड़ों परिवार, स्ट्रॉबेरी की खेती पर अपना गुजर बसर करते हैं. खास बात ये है कि पैदावार के साथ ही इसकी बिक्री भी किसान लोकल लेवल पर ही करते हैं. स्थानीय किसानों का कहना है कि हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के सहयोग से, गांदरबल जिले को स्ट्रॉबेरी की पैदावार का बड़ा हब बनाया जा सकता है ..

Valley of Strawberry : सर्दियों के बाद कश्मीर की पहली फसल स्ट्रॉबेरी बिकने के लिए तैयार !
Stop

Jammu and Kashmir : गांदरबल के किसान इन दिनों, खेतों से स्ट्रॉबेरी की तैयार फसल तोड़ने में व्यस्त हैं. जिले के एक खास इलाके में इसकी पैदावार होती है. कश्मीर में सर्दी का मौसम और बर्फबारी का दौर खत्म होने के बाद,  सबसे पहली फसल स्ट्रॉबेरी की ही होती है. घाटी का किसान, सितंबर से नवम्बर के दरमियान स्ट्रॉबेरी की बुआई करता है. 

गौरतलब है कि स्ट्रॉबैरी की पैदावार के लिए सर्दी का मौसम, काफी मुफीद माना जाता है. आमतौर पर, एक एकड़ जमीन में दस से बीस हजार पाउंड तक स्ट्रॉबेरी पैदा होती है. हालांकि, इसकी देख रेख एक मुश्किल काम है. लेकिन ये सब काम किसान खुद ही करता है. 
  
आपको बता दें, गांदरबल के गुटली बाग में इसकी सबसे ज्यादा खेती होती है. यहां की स्ट्रॉबेरी अपने ज़ायके के लिए कश्मीर ही नहीं, बल्कि पूरे मुल्क में मश्हूर हैं. खास बात ये है कि यहां के किसान इसे बेचने के लिए बड़ी मार्केट का रूख नहीं करते. घाटी की स्ट्ऱॉबेरी इतनी मशहूर है कि सोनमर्ग आने वाला हर शख्स, खुद किसानों के पास चल कर आते हैं.

तकरीबन छह माह की मेहनत के बाद, तैयार फसल मात्र एक दो माह में ही बिक जाती है. इस दौरान होने वाली आमदनी से किसान, आधे साल का खर्चा आसानी से चला लेते हैं.

एक स्थानीय किसान के मुताबिक, मई से जून तक किसान स्ट्रॉबेरी का फल खेतों से तोड़ कर पैकिंग के काम में मसरूफ रहते हैं. बता दें कि इलाके के किसान बीते कई दशकों से स्ट्ऱ़ॉबेरी की खेती से जुड़े हुए हैं. वे दूसरे किसानों और शिक्षित लेकिन बेरोजगार नौजवानों को भी स्ट्रॉबेरी उगाने में मदद करते हैं. 

हालांकि, स्थानीय किसानों को इस बात का गिला है कि हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट से उन्हें पूरी तरह सहयोग नहीं मिलता. उनका कहना है कि अगर मोहकमा-ए-बागबानी (Horticulture Department) से सहयोग मिले तो उनकी आमदनी में काफी इज़ाफा हो सकता है. 

आमतौर पर बाजारों में अच्छी क्वालिटी के स्ट्रॉबेरी 300 से 600 रूपये किलो के हिसाब से मिलते हैं. लेकिन गुटलीबाग और सोनमर्ग में, आपको ये आसानी से 120 रूपये से लेकर 200 रूपये किलो के दाम पर मिल सकता है.
 

Latest news

Powered by Tomorrow.io